भैंस पालन से सम्बंधित जरुरी बातें

भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भैंस पालन की मुख्य भूमिका है। इसका प्रयोग दुग्ध व मांस उत्पादन एंव खेती के कार्यों में होता है। आमतौर पर भैंस विष्व के ऐसे क्षेत्रों में पायी जाती है जहां खेती से प्राप्त चारे एवं चरागाह सीमित मात्रा में हैं। इसी कारण भैंसों की खिलाई -पिलाई में निश्कृश्ट चारों […]

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भैंस पालकों के सवाल और ग्रोवेल के डॉक्टर का जबाब

भैंस पालकों के सवाल का  ग्रोवेल के डॉक्टर की द्वारा जबाब , इस लेख में दिया गया है। प्र0    भैंस खुलकर गर्मी में नहीं आती। गाभिन करायें या नहीं? उ0    भैंस में गर्मी के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। उनकी तुलना गाय से नहीं करनी चाहिए। लक्षण यदि ठीक प्रकार से पहचान में नहीं आ रहे […]

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भैंस के प्रसूतिकाल के रोग

भैंस के प्रसूतिकाल के रोग एवं उपचार : भैंस का प्रसूतिकाल प्रसव के बाद का वह समय है जिसमें मादा जननांग विशेष रूप से बच्चेदानी, शारीरिक व क्रियात्मक रूप से अपनी अगर्भित अवस्था में वापस आ जाती है। इसमें लगभग 45 दिन का समय लगता है। भैंस के प्रसूतिकाल के रोग  इस प्रकार है। जनननलिका, योनि […]

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हिंदी में पशुपालन गाइड -भाग १

हिंदी पशुपालन गाइड में पशुपालन से सम्बंधित विस्तृत जानकारी दी गई है। इस हिंदी पशुपालन गाइड में निम्नांकित बिन्दुओं पर बिस्तृत जानकारी दी गई है। इस लेख को दो भागो में प्रकाशित किया गया है ,यह लेख इस लेख का भाग एक है । डेयरी पशुओं का आवास गाय व भेंसों के लिए सन्तुलित आहार नवजात बछडियों […]

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भैंस पालन से सम्बंधित जानकारियाँ

भैंस पालन का डेयरी उधोग में काफी महत्व है । भैंस और विदेशी नस्ल की गायें ज्यादा मात्रा में दूध देती हैं।भारत में 55 प्रतिशत दूध अर्थात 20 मिलियन टन दूध भैंस पालन से मिलता है। भारत में मुख्यतःतीन तरह की भैंसें मिलती हैं, जिनमें मुरहा, मेहसना और सुरति प्रमुख हैं। मुरहा भैंसों की […]

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