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राकेश कुमार द्धारा लिखी गई लेख “जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन” प्रकाशित ,पोल्ट्री प्लानर पत्रिका में जनवरी -२०१७

राकेश कुमार द्धारा लिखी गई लेख "जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन"

राकेश कुमार द्धारा लिखी गई लेख "जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन"

जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन करते समय कुछ विशेष ध्यान रखने की आवश्‍यकता होती है।अगर हम जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन से अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित बातें ध्यान में अवश्‍य रखनी चाहिए। जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन के लिए चूजे लाने से पहले या बाद में निम्नलिखित बातें ध्यान में अवश्‍य रखनी चाहिए:

जाड़े के मौसम मुर्गीपालन करते समय चूजों को ठंड से बचाने के लिए गैस ब्रूडर, बांस के टोकने के ब्रूडर, चद्दर के ब्रूडर, पट्रोलियम गैस, सिगड़ी, कोयला, लकड़ी के गिट्टे, हीटर इत्यादी की तैयारी चूजे आने के पूर्व ही कर लेना चाहिए। जनवरी माह में अत्यधिक ठंड पड़ती है अत: इस माह में चूजा घर का तापमान ९५ डिग्री फेरनहाईट होना अतिआवश्‍यक है। फिर दूसरे सप्ताह से चौथे सप्ताह तक ५-५ डिग्री तापमान कम करते हुए ,ब्रूडर का तापमान उतना कर देना चाहिए की चूजें ठंढ से बचे रहें और उन्हें ठंढ ना लगे ।  सामान्यतः ब्रूडर का तापमान कम करते हुए ८० डिग्री फारेनहाइट तक कर देना चाहिए।

जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन करते समय चूज़ों की डिलीवरी सुबह के समय कराएँ, शाम या रात को बिलकुल नहीं कराएँ क्योंकि शाम के समय ठण्ड बढती चली जाती है। शेड के परदे चूजों के आने के 24 घंटे पहले से ही ढक कर रखें।चूजों के आने के कम से कम २ से ४ घंटे पहले ब्रूडर चालू किया हुआ होना चाहिए।

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